Monday, April 18, 2011

ईश्वर और सत्पुरुषों के आदर से ही सत्य की प्राप्ति संभव है Towards The Truth

हजरे अस्वद 
शिव नाम पवित्र है . ईश्वर भी पवित्र है और प्रथम ऋषि शिव भी पवित्र है . सदाचार और पवित्रता ही उनकी शिक्षा थी . जो बात भी सदाचार और पवित्रता के विरुद्ध पाई जाये , उसे उनके बारे में सत्य न माना जाये तो धर्म का सत्य स्वरुप सामने आ जाता है . अपने शोध में मैंने यही पाया है . हमारे पूर्वज हमें ईश्वर से जोड़ते हैं. अगर हम अपने पूर्वजों के सत्यस्वरुप को वास्तव में जान लें तो हम बिना किसी अतिरिक्त साधना के सहज भाव से ही ईश्वर से जुड़ जाते है .हम आपस में भी वास्तव में तभी जुड़ सकते हैं जबकि हम पहले अपने पूर्वजों से सही तौर पर जुड़ जाएँ और उनके बारे में फैलाई गयी गलत बातों का खंडन कर दें . इसी के बाद हमारे लिए उनका अनुकरण कर पाना संभव हो पाता है .
इसी उद्देश्य से मैंने  कुछ लेख लिखे हैं . उनमें से कुछ को मैं यहाँ पाठकों की सुविधा के लिए एक साथ पेश कर रहा हूँ . इसमें अगर किसी  भाई को कोई तथ्य गलत लगता है तो उसे गलत पाए जाने पर तुरंत हटा दिया जायेगा .

हमारे पूर्वज हमें ईश्वर से जोड़ते हैं जो कि कल्याणकारी है The Lord Shiva and First Man Shiv ji
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