Saturday, April 9, 2011

सत्य को असत्य कल्पनाओं के साथ गडमड मत कीजिए The Great mistake

भगवान वह है जो कि जन्म नहीं लेता। सर्वव्यापी वह है जो सर्वज्ञ है। आपकी यह बात सही है कि बहुत सी चीज़ें आंख से दिखाई नहीं देतीं लेकिन अक्ल को मानना पड़ता है कि वे हैं। ईश्वर है, इस बात को आदमी जान सकता है लेकिन ईश्वर की सत्ता को साबित करने के लिए आपका मिथकीय उदाहरण मुझे सही नहीं लगता। आपने बताया कि कृष्ण ईश्वर थे। कृष्ण जी ईश्वर नहीं थे बल्कि एक अच्छे राजा थे। वेदों के अनुसार इंद्र ने उनकी गर्भवती औरतों की हत्या की थी। श्रीमद्भागवतपुराण उनके बारे में ऐसी अश्लील बातें बताता है जो कि न पढ़ने लायक़ हैं और न ही सुनने लायक़। इसीलिए वे झूठ हैं। महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण जी ने अपने लाखों सैकिन बदमाश दुर्योधन (?) को दे दिए थे और फिर उन्हें पांडवों से मरवा डाला। सत्य रक्षक कभी बदमाशों को सपोर्ट नहीं करता। क्या भारत पाक युद्ध में कोई कृष्णभक्त प्रधानमंत्री अपनी सेना पाकिस्तान को दे सकता है कि उसकी तरफ़ से मिलकर भारत पर हमला कर देना ?
यही कहानियां बताती हैं कि श्री कृष्ण जी के बच्चे ऋषियों से मसख़री करने लगे थे तो उन्होंने श्राप देकर सबको आपस में लड़ा मारा और सब नष्ट हो गए।
ईश्वर के बच्चे भी हो गए ?
और वे अनाचारी भी हो गए ?
और उन्हें ठिकाने उन्होंने लगा दिया जो कि न ईश्वर थे और न ही ईश्वर के बच्चे ?
लोगों को उलझाईये मत। ईश्वर अजन्मा और अविनाशी है। उसके न कोई पत्नी है और न मां-बाप।
ईश्वर है, यह सत्य है। सत्य को असत्य कल्पनाओं के साथ गडमड मत कीजिए वर्ना लोग असत्य के साथ सत्य का भी इंकार करने पर मजबूर हो जाएंगे।