Friday, April 22, 2011

हिंदुओं की भावना भड़की है इसलिए उन्‍हें अपना गुस्‍सा निकालने दो।’ -Modi


हिन्दुस्तान अगर आज बाक़ी है तो ऐसे इंसाफ पसंद वीरों के दम से ही बाक़ी है .
ऐसे वीरों पर हज़ार अन्ना कुर्बान , जो अन्याय होते देख कर ठाकरे के खिलाफ बोले तक नहीं .
और संजीव भट्ट  उससे बड़े से डरे नहीं.
------------------------------------------------------------
Please go to 

नरेंद्र मोदी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। 2002 में हुए दंगों के दौरान गुजरात में तैनात एक आईपीएस अफसर ने आरोप लगाया है कि उस वक्‍त सीएम हाउस में हुई बैठक में मोदी ने दंगाइयों को और उत्‍पात मचाने के लिए छूट देने का फैसला किया था। गुजरात दंगों की जांच में जुटी एसआईटी की नीयत पर भी सवाल उठ खड़े हुए हैं। आरोप है कि एसआईटी ने खुफिया विभाग के अधिकारियों को सीएम द्वारा मीटिंग में दिए गए बयान को दर्ज नहीं करने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाया था।

आईबी में तैनात आईपीएस अफसर संजीव भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट में 18 पन्‍ने का एक हलफनामा दायर किया है जिसमें उन्‍होंने मोदी और एसआईटी के बारे में सनसनीखेज खुलासे किए हैं। भट्ट ने एसआईटी पर नरेंद्र मोदी को बचाने का आरोप लगाया है।भट्ट ने हलफनामे में कहा है, ‘27 फरवरी 2002 को सीएम हाउस मे बैठक में मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हिंदुओं की भावना भड़की है इसलिए उन्‍हें अपना गुस्‍सा निकालने दो।’
भट्ट का आरोप है कि एसआईटी के अधिकारियों ने खुफिया विभाग के अधिकारियों को हकीकत लिखने से मना करने के लिए दबाव डाला। आरोप है कि अधिकारियों का बयान दर्ज करते समय एसआईटी ने असिस्‍टेंट इंटेलिजेंस अफसर केडी पंत को धमकी कि वो मोदी के उस बयान को मत लिखवाएं, नहीं तो गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।