आदरणीय गुरु जी पंडित अयोध्या प्रसाद मिश्र जी , 84 वर्षीय के साथ एक गोष्ठी में |
लालच को कैसे कंट्रोल किया जाए ?
यह आज की ज्वलंत समस्या है।
लालच ही भ्रष्टाचार कराता है और लालच ही धर्म से विचलित करता है। राष्ट्रवाद लालच को रोकता नहीं है बल्कि बढ़ाता है। जितने लोगों को आप राष्ट्रवादी समझते हैं। आप उनके शादी-ब्याह और रोज़ाना के काम देख लीजिए, उनके कारोबार के अकाउंट्स देख लीजिए, ज़्यादातर आपको टैक्स चोर मिलेंगे।
लालच का ख़ात्मा धर्म करता है। धर्म बताता है कि तुम्हें एक दिन मरना भी है और फिर अपने कर्मों का फल भोगना है, इसलिए लालच से बचो और संयम से रहो। न्याय करो, दया और प्रेम करो। मानव बनो।
हरीश जी का मौजूदा लेख उनके पिछले लेखों की श्रृंखला का ही एक हिस्सा है। उनमें उन्होंने हिंदू धर्म की खूबियों का बयान किया है। अगर आप उन्हें पढ़ लेते तो आपको यह भ्रम न होता कि वे मुसलमानों का तुष्टिकरण कर रहे हैं।
मुसलमान भला उन्हें दे ही क्या सकते हैं ?
जिसे पाने के लिए वे ग़लत लिखेंगे ?
आप हिंदुस्तान के 2 प्रतिशत मुसलमानों को अलक़ायदा आदि का समर्थक किस आधार पर मानते हैं ?
क्या भारत सरकार ने ऐसा कोई सर्वे कराया है या आपने खुद ही अनुमान लगा लिया ?
हमें सारे धर्मों की खिचड़ी नहीं पकानी है और न ही भारतीय मुसलमानों का धर्म शेष विश्व से अलग है और न ही उनके इस्लाम का स्रोत अलग है। मानवता को आज भी अपने प्राचीन धर्म की ज़रूरत है, उसी का नाम सनातन धर्म है। हरेक चीज़ अपने लक्षणों से पहचानी जाती है। जब आप सनातन धर्म के लक्षण और इसलाम के सिद्धांतों का अध्ययन करेंगे तो आप पाएंगे कि दोनों एक ही हैं। इसी एकत्व को पहचान लिया जाए तो भारत का उद्धार हो जाएगा।
कृप्या यह लिंक भी देखें और इसी ब्लॉग पर आपके अध्ययन के लिए काफ़ी कुछ है-
कमेंट्स गार्डन
हिन्दू कट्टर कैसे........... ? मेरी नजर में कट्टरता....लेखक-हरीश सिंह
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