Sunday, February 27, 2011

प्रबुद्ध कहलाने वाले ब्लागर्स आए दिन अपनी समझदानी का अपमान क्यों और कैसे करते रहते हैं ? इसे किसने , किसको और कहाँ बताया ? The secret

लगातार कई साझा ब्लाग्स के वुजूद में आने का फ़ायदा पुराने ब्लागर्स के साथ साथ नए ब्लागर्स को भी पहुँचा है। आज उनका नाम सभी जान रहे हैं , उन्हें पढ़कर पाठक टिप्पणियाँ भी कर रहे हैं। उनके ब्लागीय जीवन में यह सुखद बदलाव आया है साझा ब्लाग्स के कारण । अपने लेख 'ब्लाग जगत में मेरा अनुभव' में श्री दिलबाग विर्क जी ने अपने अनुभव AIBA पर शेयर किए तो हमने उन्हें यह टिप्पणी दी है :
@ दिलबाग विर्क जी ! आपको यहाँ देखकर और 'हिंदी ब्लागर्स फोरम इंटरनेशनल HBFI' में जोड़कर हमें शायद आपसे भी ज्यादा खुशी है । नए ब्लागर्स में आप सचमुच अच्छा लिखते हैं लेकिन जो लोग शिल्प और शैली आदि की नज़र से आप जितना अच्छा नहीं लिख पाते उनके लेखन को स्तरहीन केवल वे लोग कहते हैं जिन्हें वास्तव में ब्लागिंग की समझ ही नहीं होती ।
ब्लाग दरअस्ल डायरी है और डायरी को डायरी की विधा पर ही परखा जाना चाहिए। अगर ऐसा किया जाए तो फिर यह कहना संभव न रहेगा कि अधिकतर ब्लागर्स कूड़ा करकट लिखते हैं । ऐसा कहना ज़्यादातर ब्लागर्स का अपमान तो बाद में है पहले खुद अपनी समझदानी का अपमान करना है जो कि आए दिन प्रबुद्ध कहलाने वाले ब्लागर्स करते रहते हैं।
आप मेरे इस कमेंट को
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पर भी देख सकते हैं और हमारी वाणी पर भी ।