ठीक ऐसे ही
जो अपनी माँ को आदर नहीं दे सकता वह मौसी के पैर क्या दबाएगा ?
मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फरिश्ता हो जाऊँ
माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ
Nice post.
Welcome.
मानवता को बचाइये
लेकिन पहले माँ को बचाइये
हर दिल में इक जज़्बा जगाइये
'प्यारी माँ' को अपनाइये
'प्यारी माँ' केवल एक ब्लाग मात्र नहीं है बल्कि एक अभियान है जिसमें आपके सहयोग की ज़रूरत है । अपनी ईमेल आईडी भेजिए ताकि आप इस रचनात्मक और पवित्र अभियान मेँ एक लेखिका के तौर पर शामिल हो सकें ।
धन्यवाद !
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मैंने यह कमेँट आज कविता रावत जी के ब्लाग पर दिया है -
http://kavitaravatbpl.blogspot.com