आदम और हव्वा को भविष्य पुराण में आदम और हव्यवती कहा गया है और आम तौर पर हिंदू धार्मिक साहित्य में इन्हें मनु और शतरूपा कहा गया है । इन्हें सन्तानोत्पत्ति की आज्ञा स्वयं परमेश्वर ने दी थी । सारी दुनिया के लोग इन्हीं की सन्तान हैं । हिन्दू और मुसलमानों में विवाह और निकाह की जो परंपरा पाई जाती है वास्तव में वह इन्हीं का अनुसरण है ।
जो उनके मार्ग से हटता है , वह धर्म से भी हटने का पाप करता है। आधुनिक जीवन शैली की वजह से आज विवाह और निकाह की धार्मिक परंपरा रोज़ ब रोज़ कमज़ोर पड़ती जा रही है । 'Live in relationship' भी एक ऐसी ही आधुनिक और घृणित परंपरा है जिसमें युवक युवतियाँ बिना वैवाहिक संबंध के बिल्कुल पति पत्नी की तरह साथ रहते हैं। यह निंदनीय कुकर्म आज का उच्च शिक्षित युवा वर्ग कर रहा है।
इससे यह स्पष्ट है कि उच्च शिक्षा अपने आप में समाज की समस्याओं का वास्तविक समाधान नहीं है बल्कि अगर इसे धर्म से काट दिया जाए तो यह ख़ुद नई नई समस्याओं को जन्म देती है।
भारत एक धर्म और आध्यात्मिक देश है जहाँ पवित्र सामाजिक मूल्यों का पालन आज भी बहुसंख्या में किया जाता है । 'Live in relationship' पूरी तरह व्याभिचार है , अनैतिक है और पाप है । हिंदू और मुस्लिम , दोनों समुदाय के प्रबुद्ध लोगों को समान पवित्र मूल्यों की रक्षा के लिए मिलकर इस पापकर्म की निंदा करनी चाहिए । हम सबका ईश्वर एक है , हमारा खून एक है और हमारे आधारभूत धार्मिक सिद्धांत और मूल्य भी एक ही हैं । कुल मिलाकर हम हम सब एक हैं । इस एकत्व का बोध हमें है । जरूरत है कि अब इस बोध को आम किया जाए और अपने माँ बाप के मार्ग और धर्म का पालन किया जाए ।