जो आदमी सबको एक समान समझना चाहे उसे सबको एक समान महत्व भी देना चाहिए । सबको एक समान समझता बहुत मुश्किल है लेकिन बहुत जरूरी भी है क्योंकि न्याय , शांति और सुख -समृद्धि की प्राप्ति इसके बिना संभव ही नहीं है ।
'सबको एक समान न समझने' के इसी अवगुण के कारण आज असोसिएशन में भागम भाग और अंदर बाहर मची हुई है ।
ब्लागवाणी मिग 16 की तरह गिरा तो इसी कारण गिरा । चिठ्ठाजगत के उड़नखटोले की चूल भी आजकल किसी बद्दुआ की वजह से हिली हुई चल रही है । ब्लाग को परिवार मानने वाले ने भी अपने हैलीकॉप्टर में अपने तो फ़सादियों को भी चढ़ा लिया और हमें शेट्टी समझकर बाहर ही छोड़ दिया । हमने भी अपने हैलीकॉप्टर तैयार किए और आज हमारे पास दो दो संकलक रूपी हैलीकॉप्टर हैं लेकिन पूर्वाग्रह देखिए कि हमारे चाहने और माँगने के बावजूद भी उन्होंने न चाहा कि वे हमसे जुड़ें ।
ऐसे छोटे काम बड़ों के तो होते नहीं ।
मैं सच कहूंगा क्योंकि काहू से बैर खत्म करने के लिए ऐसा करना ज़रूरी है ।
आपकी पोस्ट और इमेज अच्छी है ।
...
अमन के पैग़ाम पर एक ताजा पोस्ट आज 'न काहू से दोस्ती न काहू बैर' शीर्षक से नज़र आ रही है ,उसी पोस्ट पर आप मेरा यह कमेँट देख सकते हैं । इसी के साथ आप 'हिंदी ब्लागर्स फोरम इंटरनेशनल' के सदस्य बनें ताकि आपको पढ़ना मेरे लिए और मुझ जैसे कुछ और लोगों के लिए आसान हो जाए । इसके लिए मैं आपका शुक्रगुज़ार रहूंगा ।