Friday, February 25, 2011

'हिंदी ब्लाग जगत की सबसे बड़ी महाख़बर आ गई' एक दोषपूर्ण शीर्षक , एक भ्रामक प्रचार Hyperbolic style

अजित वडनेरकर जी को बधाई !
वे सन्मार्ग पर चलकर परलोक में भी मालिक के सच्चे ईनाम के हक़दार बनें , ऐसी मैं कामना करता हूं
और साथ ही इस पोस्ट के शीर्षक पर ऐतराज़ करता हूं।
अजित जी को पुरस्कार मिलने की घोषणा को ब्लाग जगत की सबसे बड़ी घटना कैसे कहा जा सकता है ?
ब्लागवाणी आदि एग्रीगेटर्स के आने और चले जाने को और उनकी जगह हमारी वाणी के स्थापित हो जाने को 'ब्लाग जगत की सबसे बड़ी महाख़बर' क्यों नहीं माना गया ?
सामूहिक बलाग्स में एक के बाद एक तीन महिलाओं को रेखा श्रीवास्तव जी को LBA का, रश्मि प्रभा जी को HBFI का और वंदना गुप्ता जी को AIBA का अध्यक्ष बनाया गया जो कि ब्लाग जगत में संरचनात्मक बदलाव लाएगा । यह वाकई ब्लाग जगत की सबसे बड़ी खबरों में से एक है । इन दोनों ही घटनाओं का असर पूरे ब्लाग जगत पर पड़ा है और पड़ता रहेगा ।
सचमुच की इन महाख़बरों की मौजूदगी में किसी को पुरस्कार मिल जाने की आए दिन घटित होने वाली सामान्य सी घटना को ब्लाग जगत की सबसे बड़ी ख़बर कैसे कहा जा सकता है ?
क्या यह पुरस्कार अजित जी को कोई ब्लाग लिखने पर दिया जा रहा है ?
इस पोस्ट का शीर्षक भी दोषपूर्ण है । बड़ी ख़बर को बताने के लिए महाख़बर शब्द पर्याप्त है , इससे पहले बड़ी शब्द लगाना फ़िज़ूल है । यह खबर तो महाख़बर तक नहीं है और ब्लाग जगत की सबसे बड़ी महाख़बर तो हरगिज़ भी नहीं है ।
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Blog 'नुक्कड़' की पोस्ट पर मेरा यह कमेंट आपके लिए उपलब्ध है ताकि आप जान लें कि अनवर जमाल को अद्भुत विश्लेषण शक्ति प्राप्त है और वह हरेक ब्लागर के मुंह पर सच कहने का साहस रखता है।
ख़ुदग़र्ज़ और चापलूस ब्लागर्स की इस अंधेरी दुनिया में सच का दीपक हाथ में लिए अनवर जमाल आप सबसे कहता है कि आओ ! मेरे साथ चलो वर्ना जीवन भर ठोकरें खाते रहोगे और मरने के बाद नर्क की भयंकर आग में जलोगे।
परलोक में हरेक मनुष्य को एक दिन अपने कर्मों का फल भुगतना है 'सबसे बड़ी महाख़बर' यह है ।
कौन है जो इससे फ़ायदा उठाए ?