Wednesday, March 9, 2011

अनवरत: औरत और मर्द बराबर हैं लेकिन "एक जैसे' हरगिज़ नहीं हैं हर महीने औरतें कुछ ऐसी चीज़ें भी खरीदती हैं जो मर्द कभी नहीं खरीदते Women are different

औरत और मर्द बराबर हैं लेकिन "एक जैसे' हरगिज़ नहीं हैं. कुछ चीज़ें औरतें भी खरीदती हैं और मर्द भी लेकिन हर महीने औरतें कुछ ऐसी चीज़ें भी खरीदती हैं जो मर्द कभी नहीं खरीदते .
औरतों को समान बताने वालों ने उसे 'सामान' बना लिया है मौज मस्ती का . तमाम कोशिशों के बावजूद भी औरत औरत ही होती है इसीलिये खेलों में भी औरतों की टीम अलग ही होती है .
औरत और मर्द सामान हैं यह कहकर उन्हें बॉक्सिंग में कभी टायसन के सामने नहीं उतारा गया .
न मनु के धर्म में कमी थी और न ही पैगम्बर साहब के बताये तरीके में कमी है लेकिन जब खुदगर्ज़ लोग दीन धर्म की गद्दी पर क़ब्ज़ा कर लेंगे और समाज भी नेक आदमी के बजाय नापाक आदमी की ही सुनेगा तो चारों तरफ ऐसा ही हा हा कार मचेगा जैसा की आप आज मचता हुआ देख रहे हैं .
आपकी उम्र आख़िर आ चुकी है और फिर भी जवान दीयों की लौ बुझता देखने खामख़याली लिए बैठे हैं , कुछ ताज्जुब नहीं क्योंकि भारतवासियों को कल्पना में जीने की आदत है.
आपका दिया सदा रौशन रहे ऐसी दुआ हम उस मालिक से करते हैं जिसे आप अब नहीं मानते लेकिन एक रोज़ उसे अपने आमाल का हिसाब देंगे.
औरत की हक़ीक़त

मनु और मुहम्मद की दण्ड व्यवस्था
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अनवरत: महिलाओं का समान अधिकार प्राप्त करने का संकल्प धर्म की सत्ता की समाप्ति की उद्घोषणा है