Monday, March 7, 2011

ईसाइयो ! तौबा करो मसीह की मुख़ालिफ़त से

हज़रत ईसा मसीह ने तो व्यवस्था के विरोध में कभी ऐसा न कहा कि
'व्यवस्था ने न कभी किसी का उद्धार किया और न ही कभी कर सकती है'
फिर आप उनकी शिक्षा के विरूद्ध ऐसा क्यों कह रहे हैं ?
वे ख़ुद और उनकी माँ हमेशा मूसा की व्यवस्था का पालन करते रहे । इतना ही नहीं बल्कि मरियम मगदलिनि व अन्य प्रेरित जैसे उनके खास शिष्य भी उनकी ही तरह व्यवस्था का आजीवन पालन करते रहे । इसीलिए पॉल की उनसे नहीं बनी और उसने अपने मत को अन्य जातियों के लिए आसान बनाने की खातिर व्यवस्था को निरस्त घोषित कर दिया । जिसका कि उन्हें कोई अधिकार न था । आप लोग तौबा कीजिए ऐसी ग़लत बात से। मालिक आपको जरूर माफ कर देगा ।
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