Tuesday, March 29, 2011

श्रद्धा के पात्रों को अपनी व्यंग्य विधा का पात्र न बनायें Honourable Personalities

हिन्दू कहलाने वाले भाइयों को अपनी काल्पनिक बातों को कहने के लिए शिव जी , माता पार्वती और अन्य पूर्वजों के नामों का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए . इससे उनके इतिहास में जाने अनजाने भ्रामक बातें शामिल हो जाती हैं जो कि बाद में सच्चाई की कसौटी पर खरी नहीं उतरतीं और लोग उन बातों पर टीका टिप्पणी करते करते पूर्वजों  के बारे में भी अंट शंट कह बैठते हैं. श्रद्धा के पात्रों को अपनी व्यंग्य विधा का पात्र न बनायें . इस विषय में आप मुसलमानों से सीख सकते हैं.
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शिव पार्वती और सांसदो की खरीद फ़रोख्त का सच

लंच टाईम मे दो गिलास छाछ  पीकर चैन की नींद सो रहे प्रभु शंकर को गरजने बरसने की आवाज आयी बाहर आकर प्रभु ने देखा सारे शिव गण पैकिंग मे लगे हैं और माता उनको सामान ठीक से रखने के लिये चिल्ला रही है । अचरज मे पड़े प्रभु ने माता से पूछा क्या बात है प्रिये आप सामान क्यों पैक करवा रहीं है । खबरदार जो मुझे आज के बाद प्रिये कहा माता भड़कीं अब मुझे टीवी पर मालूम पड़ेगा कि आप के मां बाप कौन हैं आप कहां पैदा हुये थे  और ये मुआ नंदी आपसे पहली बार कहां मिला था । मेरे पिता हिमालय ठीक ही कहते थे अब मैं कभी लौट के न आउंगी ।


पहले तो प्रभु हड़बड़ाये फ़िर माजरा समझ मे आने पर बोले बेड़ा गर्क हो ये इंडिया टीवी वालो का । फ़िर गुस्से मे आकर माता से बोले क्या ये अनाप शनाप चैनल देखते रहती हो इनका काम तो यही है भोले भाले लोगो को बेवकूफ़ बना कर टी आर पी बढ़ाना और कम से कम अपनी योग माया से चेक तो किया होता लगी सामान पैक करने । क्या आप जानती नही हो कि मेरा जन्म अनन्त परमेश्वर की माया से हुआ है ।अपनी गलती पर खिसियाकर माता बोली अरे वो तो मै कल संसद मे हुआ क्या ये देखने के लिये गयी थी तो शिव गण इंडिया टीवी देख रहे थे कि मै भी बैठ गयी ।

आप बताईये मै कौन से चैनल मे देखूं लोक सभा चैनल मे तो दोनो ओर के एक से एक वक्ता बोलते हैं कि समझ मे ही नही आता कौन सच्चा कौन झूठा जिसकी बात सुनो वही सही लगता है और लड़ते झगड़ते इतना है कि आधी बात तो समझ मे ही नही आती । प्रभु अब सोच मे पड़ गये बोले ऐसा तो कोई चैनल ही नही है जो सही बात बताये जिसको जहां से पैसा मिलता है उसी की भाषा बोलता है प्रिये इसी को तो येलो जर्नलिस्म बोलते हैं वैसे आज कल सभी चैनल सरकार से ही पैसा लेते हैं और उसी का पक्ष लेते हैं ।

माता ने बोला क्या एनडीटीवी भी ऐसा ही है । प्रभु मुस्कुराये कल शाम की न्यूज नही देखी क्या स्टिंग आपरेशन की खबर इस तरह घुमा फ़िरा कर बता रहे थे कि मानो बीजेपी ही चोर है और कांग्रेस उसके जाल मे फ़स गयी थी । माता ने कहा अरे फ़िर जनता कहां जाये ऐसा क्यो हैं प्रभु । ऐसा इसीलिये है प्रिये कि आज भारत की मीडिया हिन्दी भाषी लोगो को मूर्ख समझती है इसलिये हिंदी टीवी और अखबार सिवाय हत्या बलात्कार आदि के कुछ भी नही पेश करते देखा नही आज पत्रिका अखबार ने केवल एक छोटे से कालम मे कल की संसद की घटना छापी है । मीडिया का मानना है कि केवल अंग्रेजी जानने वाले लोगो को ही सच्ची खबर देनी चाहिये । ऐसे लोग वोट भी नही देते इसलिये मीडिया से सरकार भी नाराज नही होती ।


अच्छा आप ही बताईये प्राणनाथ क्या सच है । सच ये है प्रिये कि सांसद बिके थे लेकिन कांग्रेस ने नही खरीदे थे ये काम समाजवादी पार्टी के अमरसिंग ने किया था । अब समाजवादी पार्टी को क्या फ़ायदा था कि वो पहले अमर सिंग की बेईज्जती को भूल कर न्यूक्लियर डील का समर्थन करने पहुच गयी यही नही सांसद खरीदने मे भी लग गयी ये गहन शोध का विषय है । अब ये बीजेपी वाले लोग सही बात कहते नहीं हैं और समझते भी नही है मनमोहन सच तो कह रहे हैं कांग्रेस खरीदने मे शामिल नही है वह तो पहले ही न्यूक्लियर डील मे अमेरिका के हाथ  बिक चुकी थी । अब बिका हुआ कोई किसी को क्या खरीदेगा भला । जो कुछ किया भी है वह अमेरिका के इशारे पर किया है । विकीलीक क्या बता रहा है दूतावास का आदमी चेक करने गया था काम सही तरीके से हो रहा है कि नही । पर आडवानी अमेरिका के खिलाफ़ एक शब्द नही बोले डील परमाणू के खिलाफ़ नही बोले अब ये लोग भी तो ........