Saturday, September 8, 2012

धन वर्षा अब आपके अपने हाथ में है How To Make Amla Hair Oil At Home .

पल्लवी सक्सेना जी ! आपने अपने अनुभव शेयर किए हैं। अब हम अपने अनुभव बताने की इजाज़त चाहेंगे।
(1) शिक्षा हरेक उम्र में हासिल की जा सकती है
हम एक रिक्शा में बैठे। एक नौजवान भी साथ में आ बैठा। हमारे पूछने पर उसने बताया कि वह हाई स्कूल भी नहीं कर पाया क्योंकि उसके मां बाप के हालात उसे पढ़ाने लायक़ नहीं थे। हमने उसे कहा कि अब आप कमाते हो, ख़ुद पढ़ लो। एनओएस के माध्यम से आप बिना स्कूल जाए ही हाई स्कूल और इंटर कर सकते हो और उसके बाद आप इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से आगे की पढ़ाई कर सकते हो।
इंसान के अंदर पढ़ने की चाहत जगाना असली काम है। यह चाहत न हो तो आदमी पढ़ नहीं सकता चाहे उसके पास कितना ही पैसा क्यों न हो।
मुसलमानों में सबसे ज़्यादा पैसा क़साई बिरादरी के पास है और शिक्षा में सबसे कम भी यही हैं क्योंकि उनमें पढ़ाई के लिए इच्छा कम है। उनसे कम पैसे वाली दूसरी बिरादरियां शिक्षा में उनसे आगे हैं।

(2) आज हरेक नर-नारी पैसे वाला बन सकता है
आज पैसा अहमियत रखता है। हरेक आदमी आज पैसे वाला बन सकता है। पैसे के लिए आदमी को व्यापार से जुड़ना चाहिए। चाहे वह कोई नौकरी ही क्यों न कर रहा हो।
हरेक आदमी को बहुत सी चीज़ों की ज़रूरत पड़ती है। उनमें से आप कुछ भी उन्हें बेच दीजिए। हरेक सिर पर बाल हैं। बाल टूटना, उनका सफ़ेद होना और लंबा न होना हरेक मर्द-औरत की समस्या है। इसके सौ से ज़्यादा नुस्ख़े इंटरनेट पर ही उपलब्ध हैं।
5 रूपये का तेल आप 50 रूपये में बेचेंगे। जितने कन्ज़्यूमर होंगे, उतने ही आपके प्रचारक होंगे। समय के साथ आपके प्रोडक्ट की सेल बढ़ती चली जाएगी और दौलत आपके समेटने में नहीं आएगी। शहनाज़ हुसैन ने अपने काम की शुरूआत अपने घर के बरामदे से की थी। आपके पास शुरूआत करने के लिए उससे अच्छी जगह हो सकती है।
आप मार्कीट में आंवले के तेल के नाम पर बहुत से हरे रंग के तेल बिकते हुए देखेंगे। उनमें आंवला नहीं होता। बस हरा रंग और आंवले की ख़ुश्बू होती है। वह भी तिल के तेल में नहीं बल्कि किसी सस्ते से रिफ़ाइन्ड ऑयल में जिसे केमिकल से प्रॉसिस किया जाता है और एक मशहूर ब्रांड के तेल में मिटटी का तेल भी डाला जाता है। जिसके असर से बाल समय से पहले सफ़ेद हो जाते हैं। अक्सर मशहूर ब्रांड का यही हाल है।
आपको आंवले का तेल चाहिए तो हमदर्द का लीजिए या फिर बैद्यनाथ का महाभृंगराज तेल लीजिए। भृंगराज एक औषधि है जो क़स्बों और देहात में नालियों के किनारे उगती है। इस पर सफ़ेद फूल आता है। हमें इसकी पहचान है। हमें यह मुफ़्त मिल जाता है वर्ना बाज़ार में सूखा हुआ बहुत महंगा मिलता है।
गूगल की मदद से आप इसका चित्र पहचान लीजिए तो आपको यह अपने घर के आस पास ही मिल जाएगा। आप अपने लिए महाभृंगराज का तेल ख़ुद बनाइये। आंवले का तेल भी आप ख़ुद बना सकते हैं। तरीक़ा बहुत आसान है।
मिसाल के तौर पर आप 10 ग्राम आंवले लीजिए और उसे सोलह गुने पानी में भिगो दीजिए। रात भर भीगने के बाद आप सुबह उसे मंद आंच पर पका लें। जब पानी आधा रह जाए तो यानि कि 80 ग्राम तो उसे छान लीजिए और उसमें 80 ग्राम तिल का तेल मिलाकर फिर आग पर पकाएं। जब पानी भाप बनकर उड़ जाए तो सिर्फ़ तेल बचेगा। यही वास्तव में आंवले का तेल है। इसमें आप बाज़ार से ख़ुश्बू और रंग अपनी पसंद का लेकर मिलाएं और बेचें।
भृंगराज
आप भृंगराज का तेल भी इसी विधि से बना सकती हैं। ये नुस्ख़े बनाने मुश्किल लगें तो एक सस्ता और तेज़ असर करने वाला नुस्ख़ा हरेक बना सकता है। आप तिल के तेल में बरगद के पत्ते और उसकी दाढ़ी पकाकर भी बेचने लगें तो लोगों के बाल टूटना बंद हो जाएंगे। तेल का रिज़ल्ट आपके तेल की सेल बढ़ा देगा। कुछ दूसरे तरीक़ों से भी आप तेल तैयार कर सकते हैं। इन्हें आप यूट्यूब में उपलब्ध वीडियो में देख सकते हैं।
इसी तरह आप 2 रूपये के बेसन में एक चुटकी हल्दी और दो चुटकी चंदन चूरा मिलाकर फ़ेस पैक तैयार कर सकती हैं। इसे नींबू के रस और पानी में मिलाकर चेहरे पर लगाएं। ज़िददी कील-मुहांसे ग़ायब हो जाएंगे और चेहरा दिन ब दिन निखरता चला जाएगा। 6 महीने में लड़की का रंग इतना बदल जाएगा कि देखने वालों को यक़ीन ही नहीं आएगा। सांवले रंग की लड़कियां इसे आज़माएं और सुंदर सलोना रूप पाएं। आप यह फ़ेस पैक 10-20 रूपये में आसानी बेच सकते हैं।

(3) आपका इरादा आपको आगे ले जाएगा
कहने का मतलब यह है कि अपने मिलने जुलने वालों के नेटवर्क में किसी दूसरी कंपनी के उत्पाद इंट्रोड्यूस कराने से बेहतर है अपने ख़ुद के प्रोडक्ट्स बेचना। कंपनी आपको अपने मुनाफ़े का एक छोटा सा हिस्सा देती है जबकि अपने प्रोडक्ट्स बेचकर सारा मुनाफ़ा आप ख़ुद रखते हैं और अपनी कंपनी के सीईओ कहलाने का सुख आपको अलग से मिलता है।
भारत में जितने लोग बेरोज़गार हैं, अपनी नासमझी की वजह से बेरोज़गार हैं। हर तरफ़ चीज़ें बिक रही हैं लेकिन न तो वे चीज़ें हमारी बिक रही हैं और न ही उन्हें हम बेच रहे हैं। वे चीज़े मल्टीनेशनल कंपनियों की बिक रही हैं और हम उन्हें ख़रीद रहे हैं। हमारा पैसा विदेश जा रहा है।
एमएलएम कंपनियों ने हमें बेचना सिखा दिया है।
उनका शुक्रिया ।
अब इस स्किल का भरपूर फ़ायदा उठाने की ज़रूरत है।
आपकी पोस्ट अच्छी है और प्रेरक भी, कि इतना कुछ लिखने की प्रेरणा मिली। कमेंट में संबोधित आप हैं लेकिन संदेश सबके लिए है। कम्प्यूटर वालों के लिए आपने लिखा और बाक़ी सबके लिए हमने लिख दिया है। जो कम्प्यूटर कोर्स न करना चाहें, वे भी बहुत कुछ कर सकते हैं।
यह कमेंट आपकी पोस्ट के अंश समेत यहां सहेजा जा चुका है-



और अब पल्लवी सक्सेना जी की पोस्ट, जिस पर हमने यह कमेंट दिया है-

 परिवर्तन

परिवर्तन जीवन का दूसरा नाम है क्यूंकि परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है, कहते हैं समय के साथ बदल जाना ही समझदारी की निशानी है क्यूंकि समय कभी एक सा नहीं रहता। इन्हीं कहावतों के चलते आइये आज बात करें शिक्षा के क्षेत्र में आये कुछ परिवर्तनों पर, युग बदला, बदला हिंदुस्तान जिसके चलते इंसानी जीवन में न जाने कितने अनगिनत बदलाव आये जो आज हमारे सामने है। जिन्होंने इंसानी जीवन के हर एक पहलू को छुआ फिर क्या समाज और क्या ज़िंदगी, इस ही बात को मद्देनज़र रखते हुए हम बात करते है अपनी शिक्षा प्रणाली की, क्यूंकि शिक्षा ही सच्चे जीवन का आधार है ऐसा मेरा मानना है। क्यूंकि ज्ञान ही सभी भेद भाव मिटाकर आपको आपका सच्चा हक़ दिला सकता है। :-)