Monday, April 16, 2012

धर्म के धंधेबाज़ों को चुनौती कौन देगा और कैसे देगा ? Thag

पर एक टिप्पणी
आस्तिक हो या नास्तिक फ़्रॉड हरेक वर्ग के लोग कर रहे हैं। जनता जहां भी जा रही है फ़्रॉड लोग ही हाथ आ रहे हैं।
कुछ लोग ख़ुद को नास्तिक बताते हैं लेकिन अपनी बहन को उसी तरह बहन मानते हैं जिस तरह कि आस्तिक लोग धर्मानुसार मानते हैं। जब वह अपनी बहन के लिए लड़का तलाशने निकलता है तो भी वह उन सब परंपराओं का पालन करता जिनका पालन आस्तिक लोग करते हैं। उनकी शादी में वैदिक मंत्रों का उच्चारण करने के लिए पंडित जी भी आते हैं और उन्हें दक्षिणा आदि देकर ही विदा किया जाता है।
इस देश के नास्तिकों का हाल भी जब आस्तिकों जैसा है तो फिर धर्म के धंधेबाज़ों को चुनौती कौन देगा और कैसे देगा ?
जीवन भर चुनौती देने वाला भी समय आने पर इनके ही चरणों में धन अर्पण करता हुआ मिलेगा।
लिखने और बोलने की छूट यहां है। सो सब लिख रहे हैं।
आपने भी लिखा और अच्छा लिखा।
एक अच्छे निबंध के सभी तत्व इसमें विद्यमान हैं।
बधाई हो ।