हमारी नज़र में तो जैसा भूतनाथ वैसा प्रेतनाथ ।
शासन तो BJP का भी आया था ।
1. क्या उसने लोकपाल बिल मंज़ूर कराया ?
2. क्या वह विदेशों से काला धन वापस लाई ?
आज अपने वोट बैंक खो देने के डर से ये बाबा का साथ दे रहे हैं । जो इनके ख़िलाफ़ नहीं बोलता , उसे क्या उपाधि दी जाएगी ?
अनवर जमाल बोलता है सच और ग़द्दार सच कभी सुनता नहीं ।
टिप्पणी सुरक्षित कर ली गई है । यहाँ से हटेगी तो वाटिका में लगेगी ।
वंदे ईश्वरम्
........
और फिर सचमुच ऐसा हुआ कि आदरणीय प्रोफ़ेसर पी. के. मिश्रा जी सच को सहन नहीं कर पाए और अपने विरूद्ध समझकर उन्होंन इस टिप्पणी को अपने ब्लॉग हरी धरती से मिटा डाला।
लेकिन सच कभी मिटता नहीं है। कमेंट गार्डन यही सिद्ध करता है।