देह धंधे के आरोप में पकडी गई औरतों की पोस्ट हमने यहां पब्लिश की थी और आपकी आपत्ति के बाद इस ब्लाग की व्यवस्थापिका महोदया ने पुलिस गिरफ्त में मुंह छिपाए हुए उन औरतों के चित्र के बारे में हमसे ईमेल द्वारा बातचीत भी की थी कि क्यों न उस चित्र को हटा दिया जाए ?
लेकिन हमने कहा था कि रावण को हर साल जलाया जाता है और कोई पुरूष यह नहीं कहता कि रावण दहन से पुरूष की मर्यादा कलंकित हो रही है।
भाई उसने काम ऐसे ही किए थे।
जो भी गलत काम करेगा, उसे सरे आम शर्मसार होना ही पडेगा।
समाज के दुराचारियों को शर्मसार करना ही हमारा कर्तव्य है, अब चाहे वह औरत हो या मर्द ताकि कोई और उस ग़लत राह पर चलने का हौसला न करे.
किसी भी गलत तत्व को उसके लिंग के आधार पर बखशा नहीं जाना चाहिए।
और हमारे जवाब से शिखा जी संतुष्ट भी हो गयी थीं.
धन्यवाद !
तिरस्कृत होती ‘‘भारतीय नारी’’ में पुरूषों का योगदान भाग -१
भारतीय नारी पर प्रकाशित नारी देह ब्यापार पर प्रकाशित एक पोस्ट के साथ लगे एक पुलिस महिला के साथ मुहँ छिपाये देह ब्यापार में लिप्त महिलाओं के चित्र पर महिलाओं के सम्मान को बनाये रखने के उद्देश्य से कुछ आलोचनात्मक टिप्पणियां मैने भी की जिसपर इस ब्लाग की संस्थापक सहित अन्य सुधी पाठकों का सहयोग माँगा परन्तु किसी भी महिला अथवा नारी सम्मान के फरमाबरदारों का कोई संदेश अथवा टिप्पणी नहीं मिली अपितु सम्मानित लेखक महोदय जी ने यह कहा कि मैं उन पुरूषों के चित्र हासिल करूं जो इस ब्यवसाय में लिप्त हैं उन्हें भी स्थान दिया जायेगा।अपेक्षकृत कुछ कडे शब्दो में प्रतिउत्तर भी प्राप्त हुये। मेरा मानना यह था कि यह सब इस ब्लाग के गुणात्मक विकास के लिये आवश्यक था सो समयानुसार घटित हो रहा था।