Sunday, May 15, 2011

डा. दिव्य जी, बुलंद हौसला दिलाएगा आपको मुश्किलों पर विजय

@ डा. दिव्य जी ! आपका हौसला तोड़ते होंगे वे हार्मोनजीवी , जिन्होंने आपसे कोई उम्मीद ख़ामख़्वाह पाल ली होगी ।
मैं तो ऐसे लोगों को अपनी ब्लॉग रूपी फ़सल में खाद की तरह इस्तेमाल करता हूँ।
भाग जाते हैं सब, जो आते हैं मेरा हौसला तोड़ने । वे बेचारे ख़ुद ही अपना हौसला तोड़-छोड़ बैठते हैं।
मेरा अनुसरण कीजिए और 'मार्ग' पर चलिए। विरोधी खुद मार्ग पर आ जाएँगे ।
विरोधी कुछ भी नहीं हैं बल्कि उल्टे वे तो आपकी गरिमा का सामान हैं ।
जो आपको चित करने आएगा और ख़ुद ही चित हो जाएगा तो आपकी शान बुलंद होना तय है ।
मैं तो इंतज़ार ही नहीं बल्कि दुआ भी करता हूँ कि मालिक आज तो किसी को भेज दे !
...लेकिन कोई आने-गाने के लिए तैयार ही नहीं होता । इस मामले में आप ख़ुशनसीब हैं और फिर भी गिला-शिकवा कर रही हैं ?   

अल्लामा इक़बाल फ़रमाते हैं कि

तुन्दी ए बादे मुख़ालिफ़ से न घबरा ऐ उक़ाब
ये तो चलती हैं तुझे ऊँचा उड़ाने के लिए 


......

शब्दार्थ ,
बादे मुख़ालिफ़-विपरीत हवा , उक़ाब-बाज़
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