Thursday, March 10, 2011

क्या द्विवेदी जी ने यह ठीक किय मेरे साथ ? Answer me .

प्रिय  भाई प्रवीन शाह जी ! क्रिकेट का शौक़ तो बौर्ज़ुआ  कल्चर  है , सो हम तो समय बर्बाद करके जीवन को बर्बाद न तो खुद करते हैं और न ही आप जैसे अपने प्रिय को सलाह देते है हैं .
खैर ,  हम तो आज आपके पास यह कहने आये थे कि आपने जो स्टेटमैंट द्विवेदी जी की पोस्ट पर खुद को नास्तिक सा ज़ाहिर करने के लिए दिया है , वह आपने जानबूझकर दिया है ,
केवल हमें निराश करने के लिए. लेकिन हम निराश होने वाले नहीं हैं . हमने आपके लिए टोपी और मुसल्ला ख़रीद लिया है और कुरते पजामे का ऑर्डर आपकी रज़ा मिलते ही दे दिया जायेगा .
यार आपके बिना जन्नत में दिल उदास रहेगा . कुछ हंसी ठिठौली करने वाले ज़िंदादिल लोगों को साथ ले जाना बहुत ज़रूरी है . लिहाज़ा अब ना नुकुर मत करो . जैसे शादी करते वक़्त आपने भाई बहनों पर भरोसा किया था वैसे ही एक बार अपने प्रिय पर भी तो करके देखो  न .
एक शिकायत आपकी नास्तिक बिरादरी के सदस्य की :
आपका कमेन्ट द्विवेदी जी ने छाप दिया और मेरे ४-५ कमेन्ट हालाक कर दिए और कहते हैं खुद को कहते हैं बुद्धिजीवी ?
क्या यह ठीक किय गया मेरे साथ ?
अनवरत: औरत और मर्द बराबर हैं लेकिन "एक जैसे' हरगिज़ नहीं हैं हर महीने औरतें कुछ ऐसी चीज़ें भी खरीदती हैं जो मर्द कभी नहीं खरीदते Women are different

रांड तो यही चाहती है कि सबके खसम मर जावें , द्विवेदी जी के धर्म विरोधी उद्घोष की तथ्यात्मक समीक्षात्मक न्यूज़
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Please see :
http://praveenshah.blogspot.com/2011/03/blog-post.html?showComment=1299766882957#c1647355472576363032